Thursday, 29 June 2017

मेरी साईड


"अरे!!!! इस साईड मैं सोऊंगी ।"

"क्यों भई , तुम्हारा नाम लिखा है इस साईड?"

"हाँ !! लिखा है।"

"दिखाओ ज़रा कहाँ ?"

"क्या यार मत तंग करो न ।तुम्हें पता तो है न मैं हमेशा इसी साईड सोती हूँ , मुझे दूसरी तरफ नींद नही आऐगी ।"

"स्वीटहार्ट लैपटाॅप पर काम करना है बहुत । और चार्जिंग कम है । स्टडी टेबल पर बैठने की हिम्मत नही। पैर दुख रहे है। आज एडजस्ट कर लो न।"

"न... मैं तो इसी साईड सोऊंगी । जब तुम्हारा काम खत्म हो जाऐगा तब साईड चेंज कर लेंगे।"

"अजीब सनकी हो तुम । हीरे जड़े है इस साईड में क्या ?"

"हीरे नही जड़े ।पर मेरा हीरा इस साईड से पूरी रात दिखता है । वो भी खूब चमकता।"

"मतलब?"

"मतलब ये मेरी जान। मुझे राईट करवट सोने की आदत है । रात जितनी बार नींद हल्की सी भी खुलती है , तुम्हारा चेहरा दिखता है और फिर से सुकून भरी नींद आ जाती है ।ऊधर सोऊंगी तो दीवार दिखेगी । और इस घर मे जिस रात तुम न दिखो वो रात जिंदगी की आखिरी रात हो बस।"

रोहित एक टक सुम्मी को निहारने लगा

"अब ऐसे क्या देख रहे हो?"

"सोच रहा हूँ ।"

"क्या ?"

"काम करूँ कि तुझे प्यार करूँ ।"

और दोनों खिलखिला के हंस दिए । और लैपटाॅप बिना इस्तेमाल हुए चार्ज होता रहा।




Tuesday, 27 June 2017

फिक्र


                                 

"तुम्हें मेरी कोई परवाह नही। शादी के बाद कुछ साल तो तुम्हें सब याद रहता था जन्मदिन सालगिरह खास मुलाकातों के सब दिन अब इतनी बार  याद दिलाती हूँ फिर भी भूल जाते हो । अब तुम मुझे प्यार नही करते । तुम्हें कोई फिक्र नही रही मेरी।" सुम्मी रोते हुए बस बोलती जा रही थी । 
रोहित कुछ कहने की कोशिश करता तो सुम्मी और बिगड़ जाती। आज शादी की सालगिरह पर दोनों सुम्मी के कहने पर उसी मंदिर आए थे जहाँ शादी से पहले अक्सर जाते थे। पर वहाँ सुम्मी पुराने दिनों को याद करते हुए इतनी भावुक हो गई कि वापसी में बस लगातार झगड़े जा रही थी। वो सड़क की तरफ थी भीड़ का वक्त था तेजी से गाड़ियाँ ट्रक टैम्पों गुजर रहे थे और वो गुस्से में रोती अपनी ही धुन में तेजी से चल रही थी । रोहित दुगुनी तेजी से कदम बढ़ाता उसके पास पहुँचा और उसके सड़क के अंदर की साईड कर उसका हाथ कस के पकड़े सड़क की साईड खुद हो गया। तमतमाई सुम्मी ने उसे घुर के देखा तो रोहित मासूम सा चेहरा बना के बोला
 "कैरी ऑन डियर । तुम गुस्सा करती रहो । वो गाड़ियाँ तेजी से आ रही है न।"
सुम्मी ने होंठ खोले कुछ कहने को पर फिर चुप रह गई ।
रोहित ने आॅटो रोका और सुम्मी को अंदर की तरफ बैठने को कहा।घर के बाहर आॅटो से उतरते ही शर्मा जी का कुत्ता भौंकता हुआ सुम्मी की तरफ लपका। पलक झपकते ही रोहित सुम्मी के आगे खड़ा हो गया। रोहित जानता है सुम्मी को कुत्तों से बेहद डर लगता है । घर में घुसते ही रोहित ने सुम्मी को पानी दिया उसकी साँसें घबराहट से अब भी अस्त व्यस्त थी । तभी आॅफिस से फोन आ गया। रोहित बाहर जाते हुए बोला 
"अभी आता हूँ घंटे तक ।" 
सुम्मी गुस्से से फिर चिल्लाना चाहती थी "तुम्हें मेरी फिक्र नहीं"
 पर.........पर झूठ बात पर कैसे लड़े। फिर मुस्कुरा के बोली "समय तो नही देते न पर, घर आने दो जरा फिर बताती हूँ" और गुनगुनाते हुए घर के काम में लग गई ।😊😊😀


मेरी खाल की उल्टी तरफ से गिद्ध चुग रहा है मेरे होने के सहारे पुख्ता सबूत । धीरे-धीरे गिद्ध की चोंच अपने निशान छोड़ती जा रही है । भीतर के उन...