Tuesday, 24 January 2023
तुम्हारे आने का दिन
तुम्हारे आने का दिन/
और समय पता होने के बावजूद/
टकटकी बाँधे रखती हूँ दरवाज़े पर/
जैसे समय बीत जाएगा जल्दी/
और पलक झपकते ही/
किसी जादू की तरह/
तुम सामने खड़े होंगे/
इस अधीरता को/
मूर्खता भी कह देते हैं/
मेरे आस-पास वाले/
कि आँखों की/
बंदनवार बनाकर टांग देने से/
आने वाला/
जल्दी तो नहीं आ जाएगा!/
कहते हैं/
'इतने में तो/
कितना कुछ किया जा सकता है!'/
मैं पलट कर कहती हूँ/
'तुम्हें प्रेम करना,/
जीवन का सबसे सुंदर/
सार्थक उपयोग है।'/
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सुम्मी
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