"जा रही हूँ।"
"हम्मम..."
"सुजल मैं सच में जा रही हूँ ।"
"हाँ , तो जाओ न । बार बार क्या सुना रही हो।"
"रोकोगे नही?"
"नही..जाने का फैसला तुम्हारा है । जो अच्छा लगे वो करो।"
"तुम्हें ज़रा शर्मिन्दगी नही जो तुमने किया?"
"नही ,बिल्कुल नही, इतनी गालियां खा के तुम्हारी तो अब ज़रा भी नही।"
"हार्ट अटैक आया था पापा को। तुमने फोन तक नही उठाया।"
"मुझे सपने नही आ रहे थे कि इसलिए फोन कर रही हो जरूरी मीटिंग में था, मैं खुद बहुत स्टैर्स में था।"
"पर तुम्हें पता था, पापा बहुत ज्यादा बीमार हैं और मैं बहुत डरी हुई हूँ । तुम्हें तीन दिन तक याद नही आया कि मेरी सुध लो।"
"मैं बता चुका हूँ मुझे नही पता था ये हुआ । जब हम आखिरी बार मिले तुम छोटी सी बात पर बिगड़ गई थी। मुझे लगा अभी और खींचनी होगी वहीं बात। और मैं आलरेडी बहुत प्रेशर मे था मेरे कैरियर का सवाल था सो तुम्हारा फोन नही उठाया और इस डर से मिलाया भी नही कि फिर काम पर फोकस नही कर पाऊंगा।"
"तुम झूठे हो , तुमने कहा था हर मुश्किल मे मेरा साथ दोगे । फिर जरूरत में पुकारा तो आए क्यों नही ? तुमने धोखा दिया मुझे । " सुम्मी रोते बिफरते बोली
"मुझे अंदाजा नही था इतना सब कुछ हो गया । तुम भी तो बता सकती थी।"
"मुझे फोन करना चाहिए था ?????" लगभग चीखते हुए बोली सुम्मी "तुम्हारा मन कैसे मान गया मुझे इतने बुरे हालातों से अकेले जुझने को छोड़ने को??"
"मैं अपना जवाब दे चुका हूँ । बार बार वो ही बात कर के क्या होगा । तुम जाने की सोच चुकी हो तो जाओ । रूकी क्यों हो अब तक?"
"तुम रह लोगे मेरे बिना सुजल ?" सुबकते हुए सुम्मी ने पूछा। हिचकियां बंध चुकी थी उसकी।
"तुम्हें इससे क्या कि मुझ पर क्या बीती । तुम ये कभी मत सोचना। कभी मुड़ कर भी नही देखना। कभी मत आना।"सुजल का गला भर आया कहते कहते।
"ठीक है सुजल ये ही सही ।" और सुम्मी चली गई ।
सुजल दूर तक उसे जाते देखता रहा और फफक फफक के रोते हुआ बुदबुदाया " मत जा, सुम्मी मत जा ,मर जाऊंगा यार ।"
"हम्मम..."
"सुजल मैं सच में जा रही हूँ ।"
"हाँ , तो जाओ न । बार बार क्या सुना रही हो।"
"रोकोगे नही?"
"नही..जाने का फैसला तुम्हारा है । जो अच्छा लगे वो करो।"
"तुम्हें ज़रा शर्मिन्दगी नही जो तुमने किया?"
"नही ,बिल्कुल नही, इतनी गालियां खा के तुम्हारी तो अब ज़रा भी नही।"
"हार्ट अटैक आया था पापा को। तुमने फोन तक नही उठाया।"
"मुझे सपने नही आ रहे थे कि इसलिए फोन कर रही हो जरूरी मीटिंग में था, मैं खुद बहुत स्टैर्स में था।"
"पर तुम्हें पता था, पापा बहुत ज्यादा बीमार हैं और मैं बहुत डरी हुई हूँ । तुम्हें तीन दिन तक याद नही आया कि मेरी सुध लो।"
"मैं बता चुका हूँ मुझे नही पता था ये हुआ । जब हम आखिरी बार मिले तुम छोटी सी बात पर बिगड़ गई थी। मुझे लगा अभी और खींचनी होगी वहीं बात। और मैं आलरेडी बहुत प्रेशर मे था मेरे कैरियर का सवाल था सो तुम्हारा फोन नही उठाया और इस डर से मिलाया भी नही कि फिर काम पर फोकस नही कर पाऊंगा।"
"तुम झूठे हो , तुमने कहा था हर मुश्किल मे मेरा साथ दोगे । फिर जरूरत में पुकारा तो आए क्यों नही ? तुमने धोखा दिया मुझे । " सुम्मी रोते बिफरते बोली
"मुझे अंदाजा नही था इतना सब कुछ हो गया । तुम भी तो बता सकती थी।"
"मुझे फोन करना चाहिए था ?????" लगभग चीखते हुए बोली सुम्मी "तुम्हारा मन कैसे मान गया मुझे इतने बुरे हालातों से अकेले जुझने को छोड़ने को??"
"मैं अपना जवाब दे चुका हूँ । बार बार वो ही बात कर के क्या होगा । तुम जाने की सोच चुकी हो तो जाओ । रूकी क्यों हो अब तक?"
"तुम रह लोगे मेरे बिना सुजल ?" सुबकते हुए सुम्मी ने पूछा। हिचकियां बंध चुकी थी उसकी।
"तुम्हें इससे क्या कि मुझ पर क्या बीती । तुम ये कभी मत सोचना। कभी मुड़ कर भी नही देखना। कभी मत आना।"सुजल का गला भर आया कहते कहते।
"ठीक है सुजल ये ही सही ।" और सुम्मी चली गई ।
सुजल दूर तक उसे जाते देखता रहा और फफक फफक के रोते हुआ बुदबुदाया " मत जा, सुम्मी मत जा ,मर जाऊंगा यार ।"
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"सर आपने इन्हें जानते थे?" सुजल की कुलीग ने सुजल की आँखों में आँसू देख कर पूछा । टेबल पर अखबार के पन्ने फड़फड़ा रहे थे। हैडलाइन थी ' प्रख्यात अभिनेत्री सुमन की कार एक्सीडैंट मे मौत।'
अतीत से वर्तमान में लौट आया सुजल " हाँ कभी बहुत साल पहले मिला था।"
"सर सुना है स्पिलट पर्सेन्लिटी थी। वैसे तो बहुत कामयाब थी पर इसका मानसिक संतुलन ठीक नही था। बहुत बार बहुत वियर्ड बीहेव करती थी। इसके पुराने दोस्त कहते है किसी को बहुत प्यार करती थी। किसी गलतफहमी के चलते उसे छोड़ जल्दबाजी में किसी और से शादी कर ली। वो शादी चली नही और चलती कैसे .. प्यार तो कोई और था। और कौन पति बीवी की ऐसी बेरूखी बर्दाश्त करता है सर। पारिवारिक कलह के चलते अलग हो गई उससे भी। काफी डिप्रेशन मे थी कुछ सालों से। मुझे तो लगता है एक्सीडैंट नही जानबूझकर टक्कर दे मारी होगी। आत्महत्या लग रही है मुझे तो।"
"बस करेगा तू ।" सुजल एकदम आप से बाहर हो चिल्लाया
रवि सन्न रह गया "क्या हुआ सर??"
"कुछ नही बहुत सुन ली प्रेमकथा अब जा कुछ काम कर ले।"
"जी सर।" कह कर रवि केबिन से बाहर चला गया।
सुजल आँसुओं से तर चेहरा लिए टेबल पर सिर पटकने लगा "सुम्मी काश तुझे रोक लिया होता यार। हम दोनों का अहम् रिश्ता ... जिंदगी सब खा गया। तू तो मर के छूट गई , मेरी जिम्मेदारियाँ बहुत है मैं मर भी नही सकता । मैं अपनी लाश का बोझ कैसे उठाऊंगा सुम्मी?? काश तुझे तब रोक लेता।"
फूट फूट के रोने की आवाज बाहर तक सारा आॅफिस हैरानी से सुन रहा था।
"सर आपने इन्हें जानते थे?" सुजल की कुलीग ने सुजल की आँखों में आँसू देख कर पूछा । टेबल पर अखबार के पन्ने फड़फड़ा रहे थे। हैडलाइन थी ' प्रख्यात अभिनेत्री सुमन की कार एक्सीडैंट मे मौत।'
अतीत से वर्तमान में लौट आया सुजल " हाँ कभी बहुत साल पहले मिला था।"
"सर सुना है स्पिलट पर्सेन्लिटी थी। वैसे तो बहुत कामयाब थी पर इसका मानसिक संतुलन ठीक नही था। बहुत बार बहुत वियर्ड बीहेव करती थी। इसके पुराने दोस्त कहते है किसी को बहुत प्यार करती थी। किसी गलतफहमी के चलते उसे छोड़ जल्दबाजी में किसी और से शादी कर ली। वो शादी चली नही और चलती कैसे .. प्यार तो कोई और था। और कौन पति बीवी की ऐसी बेरूखी बर्दाश्त करता है सर। पारिवारिक कलह के चलते अलग हो गई उससे भी। काफी डिप्रेशन मे थी कुछ सालों से। मुझे तो लगता है एक्सीडैंट नही जानबूझकर टक्कर दे मारी होगी। आत्महत्या लग रही है मुझे तो।"
"बस करेगा तू ।" सुजल एकदम आप से बाहर हो चिल्लाया
रवि सन्न रह गया "क्या हुआ सर??"
"कुछ नही बहुत सुन ली प्रेमकथा अब जा कुछ काम कर ले।"
"जी सर।" कह कर रवि केबिन से बाहर चला गया।
सुजल आँसुओं से तर चेहरा लिए टेबल पर सिर पटकने लगा "सुम्मी काश तुझे रोक लिया होता यार। हम दोनों का अहम् रिश्ता ... जिंदगी सब खा गया। तू तो मर के छूट गई , मेरी जिम्मेदारियाँ बहुत है मैं मर भी नही सकता । मैं अपनी लाश का बोझ कैसे उठाऊंगा सुम्मी?? काश तुझे तब रोक लेता।"
फूट फूट के रोने की आवाज बाहर तक सारा आॅफिस हैरानी से सुन रहा था।
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